Corona Update: क्या कोरोना फिर लौट आया है? JN.1 वेरिएंट में दिख रहे हैं ये 2 नए लक्षण, गलती से भी न करना इग्नोर!
भारत में COVID-19 के मामले फिर बढ़ रहे हैं और इसके पीछे नया JN.1 वेरिएंट है, जो Omicron का सब-वेरिएंट है। यह वेरिएंट तेजी से फैलता है और इसमें दो नए लक्षण सामने आए हैं—लगातार हल्का बुखार और पाचन संबंधी दिक्कतें। हालांकि यह गंभीर बीमारी नहीं फैला रहा, लेकिन संक्रमण की गति चिंता का विषय है। सतर्कता और सावधानी ही इससे बचाव का तरीका है।

Corona Update: देश में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इसका मुख्य कारण COVID-19 का नया वेरिएंट JN.1 है। यह वेरिएंट Omicron का ही एक रूप है, लेकिन इसकी संक्रामकता ज्यादा है। ऐसा माना जा रहा है कि यह वायरस अब अपने स्वरूप को बदलकर नए ढंग से सामने आ रहा है, जिससे इसके लक्षण भी पहले से अलग नजर आ रहे हैं।
JN.1 वेरिएंट क्या है?
JN.1 वेरिएंट दरअसल Omicron का एक सब-वेरिएंट है, जिसकी उत्पत्ति BA.2.86 (Pirola) से हुई है। इसकी पहचान 2023 में लक्सेमबर्ग में हुई थी। इसके बाद यह कई देशों में फैल चुका है और अब भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। वैज्ञानिकों के अनुसार इसमें कुछ खास जेनेटिक बदलाव (म्यूटेशन) हुए हैं, जिसकी वजह से यह पहले से ज्यादा तेजी से इंसानों को संक्रमित कर रहा है। हालांकि अब तक इसके कारण कोई गंभीर लक्षण या मृत्यु की पुष्टि नहीं हुई है।
JN.1 के आम लक्षण:
इस वेरिएंट के लक्षण Omicron के पुराने रूपों से काफी मिलते-जुलते हैं। संक्रमित व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
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हल्का बुखार या कंपकंपी
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सूखी खांसी
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गले में खराश
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लगातार थकान
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सिर में दर्द
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बंद या बहती नाक
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मांसपेशियों में दर्द
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गंभीर मामलों में सांस लेने में दिक्कत
इन लक्षणों का असर संक्रमण के 2 से 14 दिनों के भीतर देखने को मिलता है। अधिकांश लोग घर पर ही ठीक हो जाते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
ये दो लक्षण JN.1 को बना रहे हैं अलग:
1. लंबे समय तक बना रहने वाला हल्का बुखार
इस वेरिएंट में एक खास बात यह देखी गई है कि बुखार बहुत तेज़ नहीं होता, लेकिन लगातार बना रहता है। शरीर का तापमान लगभग 99.6°F से 100.5°F तक रहता है, पर इसमें न तो कंपकंपी होती है और न ही पसीना आता है। लोग इसे सामान्य थकान समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह वायरस की सक्रियता का संकेत हो सकता है।
2. पाचन से संबंधित दिक्कतें
इस बार पाचन संबंधी लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं, जैसे भूख में कमी, मतली, पेट दर्द और दस्त। ये लक्षण पिछले वेरिएंट्स में बहुत कम ही पाए गए थे, लेकिन JN.1 वेरिएंट में ये अधिक सामान्य हो गए हैं।
ये लक्षण क्यों बदल रहे हैं?
JN.1 वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में हुए जेनेटिक बदलाव इसकी कोशिकाओं से चिपकने की क्षमता को बढ़ा देते हैं। इससे यह ज्यादा तेजी से शरीर में फैलता है। हालांकि, इससे बीमारी की गंभीरता नहीं बढ़ी है, पर लक्षणों की प्रकृति जरूर अलग हो गई है।
ऐसे लक्षण दिखें तो क्या करें?
यदि आप हल्का लेकिन लगातार बुखार महसूस कर रहे हैं या पाचन से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
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COVID-19 टेस्ट जरूर करवाएं, खासकर अगर आप यात्रा से लौटे हों या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों।
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खुद को तुरंत आइसोलेट करें ताकि संक्रमण आगे न फैले।
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खूब पानी पिएं, संतुलित आहार लें और आराम करें।
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यदि सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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वैक्सीन और बूस्टर डोज लगवाना न भूलें।
भारत में नए वेरिएंट्स कहां पाए गए हैं?
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NB.1.8.1: यह वेरिएंट सबसे पहले अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में पाया गया।
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LF.7: मई 2025 में गुजरात में इसके चार मामले सामने आए।
इसके अतिरिक्त, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी मामले देखे गए हैं। केरल में सबसे ज्यादा संक्रमण दर्ज किए गए हैं।
सतर्कता ही बचाव है
JN.1 वेरिएंट फिलहाल गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा, लेकिन इसकी तेज़ी से फैलने की क्षमता बड़ी चिंता है। इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
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बार-बार हाथ धोएं
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सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें
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बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें
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सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें
COVID-19 ने भले ही रूप बदल लिया हो, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है। ऐसे में सतर्कता और सावधानी ही इसका सबसे बड़ा इलाज है।
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