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Pakistan चीन से मिलकर बना रहा विनाश का प्लान? अमेरिकी रिपोर्ट में खौफनाक खुलासा

अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) की ‘2025 World Threat Assessment’ रिपोर्ट में पाकिस्तान के खतरनाक इरादों का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान, चीन और तुर्किए के सहयोग से परमाणु हथियारों और विनाशकारी हथियारों का विस्तार कर रहा है। इससे क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा है। रिपोर्ट में भारत की रक्षा नीति को चीन केंद्रित बताया गया है और रूस के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों पर भी प्रकाश डाला गया है।

Pakistan Nuclear Weapons: अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की ‘2025 वर्ल्ड थ्रेट एसेसमेंट’ रिपोर्ट में पाकिस्तान, भारत और चीन की रक्षा रणनीतियों पर चौंकाने वाले दावे सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सामूहिक विनाश के हथियारों (Weapons of Mass Destruction – WMD) के निर्माण और विस्तार में लगा हुआ है। इसमें उसे चीन, तुर्किए और अन्य देशों से सहायता मिल रही है, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।

DIA का कहना है कि पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है, इसीलिए वह परमाणु क्षमता को और अधिक मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान विदेशी स्रोतों जैसे चीन, हांगकांग, सिंगापुर, तुर्किए और संयुक्त अरब अमीरात से हथियार निर्माण की सामग्री और तकनीक प्राप्त कर रहा है।

इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि चीन और पाकिस्तान की सैन्य साझेदारी भारत के लिए एक गंभीर सामरिक खतरे की स्थिति पैदा कर सकती है। यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान की गतिविधियाँ दक्षिण एशिया की रणनीतिक स्थिरता को डगमगा सकती हैं।

भारत को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा नीति वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने और स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। भारत अपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के माध्यम से सैन्य आधुनिकीकरण और आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत पाकिस्तान को एक सीमित सुरक्षा चुनौती मानता है, जबकि चीन को प्राथमिक रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई गोलीबारी और मिसाइल हमलों का भी जिक्र रिपोर्ट में किया गया है, लेकिन भारत की रक्षा रणनीति अभी भी चीन-केंद्रित बनी हुई है।

भारत और रूस के संबंधों पर DIA ने कहा है कि भारत, रूस को अपनी रक्षा आवश्यकताओं के लिए अब भी एक प्रमुख भागीदार मानता है। हालांकि सैन्य खरीद में कुछ कमी आई है, फिर भी भारत, रूस से फाइटर जेट और टैंकों के पुर्जों की आपूर्ति के लिए उस पर निर्भर रहेगा। इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि भारत-चीन-पाकिस्तान के बीच सैन्य संतुलन एक नए मोड़ पर है, जहां सहयोग और टकराव दोनों की संभावनाएं एक साथ मौजूद हैं।

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