ताजमहल से जुड़ा वो काला दिन, जब बह गई थीं खून की नदियां
ताजमहल सिर्फ प्यार की निशानी नहीं, इतिहास का एक काला अध्याय भी है।
इस भव्य इमारत को 20,000 मजदूरों ने 22 साल की मेहनत से बनाया था।
कहते हैं शाहजहां ने निर्माण के बाद सभी मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे।
उस दिन खून की नदियां बहने जैसी स्थिति थी, जिसे आज भी 'काला दिन' कहा जाता है।
माना जाता है कि शाहजहां नहीं चाहता था कि ताजमहल जैसी दूसरी इमारत दोबारा बने।
एक मिथक के अनुसार जिसने निर्माण को देखा, उसकी आंखें तक फोड़ दी गई थीं।
हालांकि इतिहासकार इन घटनाओं की पुष्टि नहीं करते, फिर भी ये दावे चर्चित हैं।
ताजमहल का इतिहास जितना खूबसूरत है, उतना ही रहस्यमयी और डरावना भी।