Chanakya Niti: आपका दोस्त सच्चा है या झूठा? इन 3 तरीकों से अभी आजमाएं, नहीं मिला कभी धोखा!
Chanakya Niti For True Friendship: प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी में एक सच्चे दोस्त का होना बहुत जरूरी है, जिसके साथ वह अपना सुख-दुख के पल बांट सके। लेकिन दोस्ती करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो एक गलत दोस्त आपके जीवन को बर्बाद भी कर सकता है। न चाहते हुए भी आपके और आपकी सफलता के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं। आज हम आपको ‘आचार्य चाणक्य’ के एक श्लोक के माध्यम से सच्चे दोस्त की पहचान करने के तीन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने सच्चे दोस्त की परीक्षा ले सकते हैं।
आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रु-संकटे।
राजद्वारे श्मशाने च यः तिष्ठति स बान्धवः।।
‘आचार्य चाणक्य’ के इस श्लोक में बताए गए तीन तरीकों से आप अपने दोस्तों की परीक्षा ले सकते हैं। इन तरीकों को अपनाकर आपको पता चल जाएगा कि जिसे आप अपना सच्चा दोस्त मानते हैं, उनके लिए भी आप उनकी जिंदगी में उतनी ही अहमियत रखते हैं या नहीं।
बीमार होने पर पर
आचार्य चाणक्य के अनुसार, सच्चा मित्र मुश्किल से मुश्किल घड़ी में भी अपने दोस्त का साथ निभाता है। अगर आप बीमार हों और आपकी खराब तबियत के बारे में आपके दोस्त को पता है, लेकिन तब भी वो आपको देखने नहीं आता है, तो ऐसे दोस्तों से दूर रहने में ही भलाई है।
आर्थिक संकट पड़ने पर
अगर आप मुश्किल समय में हैं या आपको पैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। आपकी इस समस्या के बारे में आपके दोस्त को पता है, लेकिन तब भी वो आपकी मदद नहीं कर रहा है, तो आपको समझ जाना चाहिए कि वह आपका सच्चा दोस्त नहीं है। एक सच्चा दोस्त वो ही होता है, जो गंभीर से गंभीर परिस्थिति में भी आपका साथ निभाए।
शत्रु की ओर से संकट आने पर
एक सच्चा मित्र वही होता है, जो संकट की घड़ी आने पर अपने मित्र को छोड़कर नहीं जाता है। खासतौर पर जब किसी दुष्ट व्यक्ति या शक्तिशाली व्यक्ति की तरफ से आपको परेशान किया जा रहा हो। अगर ऐसी स्थिति में वह आपका साथ नहीं देता है, तो ऐसे दोस्तों से मित्रता रखने का कोई मतलब नहीं है।
शास्त्र में इन चीजों का किया गया है वर्णन
आज्ञाकारी शिक्षक, विद्वान अर्थशास्त्री, कुशल राजनेता और योग्य कूटनीतिज्ञ आदि-आदि ये सभी गुण आचार्य चाणक्य में थे। जो उन्हें एक सफल इंसान बनाते थे। परिस्थिति अनुसार वो पहले ही संकट को भांप लेते थे। उन्होंने अपने अपार ज्ञान से ‘चाणक्य नीति शास्त्र’ की रचना की थी, जिसमें उन्होंने दोस्ती, प्यार, संबंध, परिवार, नौकरी, करियर और सेहत आदि जीवन से जुड़ी लगभग हर परेशानी के समाधान के बारे में सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है।