IPS Amrit Jain: 3 बार फेल, फिर बिना कोचिंग बना IPS! अमृत जैन की जबरदस्त कहानी
राजस्थान के भीलवाड़ा के अमृत जैन ने कई बार असफल होने के बावजूद यूपीएससी परीक्षा में हार नहीं मानी। NIT वारंगल से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने बिना कोचिंग UPSC की तैयारी की। पहली बार प्रीलिम्स भी पास नहीं कर सके, लेकिन तीसरे प्रयास में रिजर्व लिस्ट में आए। बाद में तीन बार लगातार UPSC क्रैक किया और आईपीएस बने, हालांकि IAS बनने का सपना अधूरा रह गया।

IPS Amrit Jain: देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल UPSC को क्रैक करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। इसमें कई बार असफलता मिलने के बावजूद जो उम्मीदवार डटे रहते हैं, वही असली विजेता कहलाते हैं। ऐसी ही कहानी है अमृत जैन की, जिन्होंने बिना कोचिंग के न केवल UPSC परीक्षा पास की, बल्कि IPS अफसर बनकर लाखों युवाओं के लिए मिसाल कायम की।
इंजीनियरिंग के बाद UPSC की ओर रुख
NIT वारंगल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अमृत जैन मूल रूप से राजस्थान के भीलवाड़ा से हैं। इसके बाद उन्होंने Czech Technical University से भी आगे की शिक्षा प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में करियर शुरू किया, लेकिन मन में सिविल सेवा का सपना था, जिसे छोड़ना नहीं चाहा।
पहले प्रयास में असफलता, लेकिन हौसला नहीं टूटा
साल 2016 में अमृत जैन ने बिना किसी विशेष तैयारी के UPSC परीक्षा दी, लेकिन प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाए। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। गलतियों से सीखा, रणनीति बदली और दोबारा कोशिश की।
बिना कोचिंग की कड़ी मेहनत लाई रंग
अमृत ने कभी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। उन्होंने स्व-अध्ययन (Self Study) के जरिए परीक्षा की तैयारी की। किताबों, ऑनलाइन रिसोर्स और पुराने प्रश्नपत्रों से लगातार अभ्यास किया। नतीजा ये हुआ कि साल 2018 में तीसरे प्रयास में उन्होंने UPSC परीक्षा पास की।
पहली सफलता: इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस में चयन
2018 में सफलता मिलने के बावजूद अमृत को रिज़र्व लिस्ट में रखा गया और उनका चयन इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस (IDAS) में हुआ। लेकिन उन्होंने यहीं रुकने का फैसला नहीं किया।
लगातार तीन बार UPSC में सफलता
इसके बाद अमृत ने तीन साल तक लगातार UPSC परीक्षा दी और हर बार सफल रहे:
2019 – रैंक 321
2020 – रैंक 96
2021 – रैंक 179
इस प्रकार उन्होंने यह साबित कर दिया कि निरंतर प्रयास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
IPS बने, लेकिन IAS बनने का सपना अधूरा
इतनी मेहनत और लगातार सफलता के बाद भी अमृत को IAS पद नहीं मिल सका। हालांकि उन्हें IPS अधिकारी नियुक्त किया गया, और आज वह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में ASP के रूप में सेवा दे रहे हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि “IAS न बन पाने का कोई पछतावा नहीं है, मुझे गर्व है कि मैं समाज की सेवा कर रहा हूं।”
सफलता की कुंजी: आत्मविश्वास और अनुशासन
अमृत जैन की कहानी लाखों युवाओं को यह सिखाती है कि कोचिंग नहीं, आत्मविश्वास और अनुशासन सफलता की असली कुंजी है। असफलता से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए।
निष्कर्ष
बिना कोचिंग, कई बार असफल होने के बावजूद, अमृत जैन ने यह साबित किया कि सपनों को सच करने के लिए परिस्थितियों से नहीं, इच्छाशक्ति से लड़ना पड़ता है। उनकी कहानी आज उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो एक बार असफल होने के बाद हार मान लेते हैं।
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