Shambhu Border Case : शंभू बॉर्डर केस में हाईकोर्ट में सुनवाई, जज ने कही बड़ी बात

Shambhu Border Case : पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में आज शंभु बॉर्डर को लेकर दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई हुई। याचिका एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य की ओर से दायर की गई है। उन्होंने कोर्ट में खनौरी बॉर्डर को भी खोलने की अपील की।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने साफ किया कि शंभु बॉर्डर अकेले किसानों के लिए नहीं, बल्कि सबके लिए खोला गया है। पहले एक बार शंभु बॉर्डर खुल जाए, फिर खनौरी खुलवाने के भी आदेश कोर्ट की ओर से दिए जाएंगे।
हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा ?
राज्य सरकार हाईवे के यातायात को कैसे रोक सकती है?
राज्य सरकार का काम है कि वह यातायात को नियंत्रित करे।
हम कह रहे हैं कि बॉर्डर को खुला रखें लेकिन उसको नियंत्रित भी करें।
आखिर राज्य सरकार हाईकोर्ट के बॉर्डर खोलने के आदेश को चुनौती क्यों देना चाहती है?
किसान नागरिक हैं
उन्हें भोजन और अच्छी चिकित्सा सुविधा दें
वे आएंगे, नारे लगाएंगे और वापस चले जाएंगे ।
दरअसल, किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे 22 वर्षीय युवक की मौत की न्यायिक जांच के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार की दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की।
किसानों ने पांच महीने पहले दिल्ली मार्च का ऐलान किया था। इसके बाद से ही शंभू बॉर्डर बंद था। पंजाब और हरियाणा बॉर्डर को अलग करने वाले शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने सात स्तर की बैरिकेडिंग कर रखी है।
शंभू बॉर्डर के व्यापारियों ने किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर बॉर्डर खोले जाने को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया था। पंजाब के विभिन्न हिस्सों से करीब 400 किसान अभी भी शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। हालांकि चावल की रोपाई के बाद अधिकांश किसान अपने खेतों में वापस लौट गए हैं.
किसान यूनियनों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे अपना मार्च कब फिर से शुरू करेंगे। इस सप्ताह शंभू बॉर्डर पर किसान यूनियनों की एक बैठक होनी थी।