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 Amritsar-Jamnagar Expressway : बन रहा देश का दूसरा बड़ा एक्‍सप्रेसवे, 26 की जगह लगेंगे सिर्फ 13 घंटे, इन राज्यों को होगा सीधा फायदा 

अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जो 1,316 किलोमीटर लंबा है और पंजाब के अमृतसर से गुजरात के जामनगर को जोड़ता है।
 
 Amritsar-Jamnagar Expressway : बन रहा देश दूसरा बड़ा एक्‍सप्रेसवे, 26 की जगह लगेंगे सिर्फ 13 घंटे, इन राज्यों को होगा सीधा फायदा 
Amritsar-Jamnagar Expressway: अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जो 1,316 किलोमीटर लंबा है और पंजाब के अमृतसर से गुजरात के जामनगर को जोड़ता है। यह एक्सप्रेसवे हरियाणा और राजस्थान के सैकड़ों किलोमीटर के रेगिस्तान को पार करेगा, जिससे औद्योगिक शहरों के बीच संपर्क बढ़ेगा और व्यापार में वृद्धि होगी।

एक्सप्रेसवे की विशेषताएँ

  1. लंबाई और समय की बचत:

    • मौजूदा दूरी 1,516 किलोमीटर है, जिसे तय करने में 26 घंटे लगते हैं।
    • नया एक्सप्रेसवे 216 किलोमीटर की दूरी कम कर देगा और समय घटकर 13 घंटे रह जाएगा।
  2. गुजरने वाले राज्य:

    • एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से गुजरेगा।
    • राजस्थान में 500 किलोमीटर का हिस्सा रेगिस्तानी क्षेत्र से होकर गुजरेगा।
  3. औद्योगिक लाभ:

    • अमृतसर के आसपास के औद्योगिक शहरों को गुजरात के औद्योगिक शहरों से जोड़ेगा।
    • इससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से भी लिंक होगा।

आर्थिक और पर्यावरणीय फायदे

  1. खर्चे में कमी:

    • एक्सप्रेसवे पर कार की औसत माइलेज 17-20 किलोमीटर प्रति लीटर हो सकती है, जिससे पेट्रोल का खर्चा आधा होकर 7.5 हजार रुपये हो जाएगा।
  2. व्यापारिक लाभ:

    • तेज़ और सीधी कनेक्टिविटी से माल ढुलाई का समय और खर्चा दोनों कम होंगे, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।

निर्माण और लक्ष्य

  • नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) ने इसे दिसंबर 2025 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
  • इस एक्सप्रेसवे का बड़ा हिस्सा पहले से ही तैयार हो चुका है।

लाभान्वित शहर

  • इस एक्सप्रेसवे से अमृतसर, भटिंडा, मोगा, हनुमानगढ़, सूरतगढ़, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, बाड़मेर और जामनगर शहरों को सीधे लाभ मिलेगा।

 अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे न केवल दूरी और समय बचाएगा, बल्कि व्यापारिक रूप से भी महत्वपूर्ण होगा। इससे औद्योगिक क्षेत्रों के बीच तेज़ और कुशल संपर्क स्थापित होगा, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।