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हरियाणा में ऐसे हो सकती है कांग्रेस की वापसी, कौन बिगाड़ेगा BJP का खेल? यहां समझें पूरा समीकरण

 
Haryana Assembly Election 2024
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद बीजेपी और कांग्रेस चुनावी रणनीति बनाने में व्यस्त है। बीजेपी लगातार तीसरी बार हैट्रिक बनाने की कोशिश में है तो वहीं कांग्रेस 10 साल का वनवास खत्म करने में पूरी जी जान से जुटी है। हालांकि क्षेत्रीय दल भी इस बार पूरी जोर आजमाइस करेंगे। बीजेपी के लिए खतरे की घंटी लोकसभा चुनाव के समय ही बज गई जब लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों की संख्या घटकर 5 रह गई।

ऐसे में अब बीजेपी प्रदेश में दलितों को लुभाने के लिए काम कर रही है। प्रदेश के 22 जिलों में दलित महासम्मेलन करने जा रही है। अब तक कई सम्मेलन बीजेपी आयोजित भी कर चुकी है। पार्टी ने इस बार के चुनाव की जिम्मेदारी भी केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर को दी है। खट्टर प्रदेश में 9 साल तक सीएम रहे चुके हैं। ऐसे में उन पर भी बड़ा दारोमदार रहेगा।

बीजेपी का फोकस दलित और ओबीसी पर

बीजेपी की रणनीति है कि इंडियन नेशनल लोकदल और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन को मिलने वाला वोट अपने पाले में किया जाए। इसके लिए पार्टी रणनीति बना रही है। बीजेपी से जाट वोट बैंक पूरी तरह से नाराज हैं ऐसे में पार्टी अब गैर जाट वोटों को साधने की कोशिश कर रही है। पार्टी का मुख्य जोर दलित, ओबीसी वोटर्स पर हैं। इसके लिए अलग-अलग रणनीति भी बनाई जा रही है।

जाट वोट नहीं बंटे तो बीजेपी का नुकसान तय

हरियाणा में 26 फीसदी से ज्यादा आबादी के साथ जाट सबसे बड़ा वोट बैंक हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बयान देकर कहा कि लोकसभा चुनाव में जजपा को एक प्रतिशत वोट भी नहीं मिला। ऐसे में क्षेत्रीय पार्टियां वोट कटवा पार्टी बनकर रह गई हैं। ऐसे में अगर जाट वोटों का बंटवारा नहीं होता है तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जाट वोटर्स की लामबंदी बीजेपी के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसलिए पार्टी गैर जाट और दलितों को साधने में जुटी है।