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Kanwar Yatra 2023: इस दिन शुरू हो रही कावड़ यात्रा, यह रहेगा रूट, जानें सावन में ही क्यों होती है कांवड़ यात्रा?

 
Kanwar Yatra 2023: इस दिन शुरू हो रही कावड़ यात्रा, यह रहेगा रूट, जानें सावन में ही क्यों होती है कांवड़ यात्रा?
Kanwar Yatra 2023 : सावन के महीने को लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता हैं। सावन के पूरे महीने के हर दिन शिव लिंग पर पवित्र जल से अभिषेक करने का विशेष महत्व है। साथ ही आपको बता दें सावन में कई शिव भक्त कावड़ यात्रा पर जाते हैं। कावड़ यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं हर वर्ष कावड़ लेने के लिए जाते हैं। 4 जुलाई से शुरू होगी यात्रा वहीं कावड़ यात्रा इस बार 4 जुलाई से शुरू होगी। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, इस वर्ष सावन पूरे 59 दिनों का होगा साथ ही सावन महीने में 8 सोमवार होंगे। ऐसा सावन हर 19 साल में देखने को मिलता है। इस बार श्रावण मास 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक है। भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय बता दें सावन में शिव की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कई भक्तगण पैदल कांवड़ यात्रा पर जाते हैं और गंगा नदी का पवित्र जल कांवड़ में भरकर लाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। वे इस महीने में मस्त मलंग होकर झूमते हैं और जो कांवड़िया सावन की शिवरात्रि पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। उस पर भगवान शिव प्रसन्न होकर आप पर अपनी कृपा बरसाते हैं। वहीं इस बार सावन शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 को है। इस दिन जलाभिषेक किया जाएगा। सावन में ही क्यों होती है कांवड़ यात्रा? बता दें सावन के महीने को भगवान शिव का पवित्र और शुभ महीना माना जाता है। कहते हैं, इस महीने सभी देवी-देवता विश्राम करते हैं तब भोलेनाथ ही इस ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। यह भी माना जाता है कि भगवान भोले नाथ से जुड़ी सभी प्रमुख घटनाएं इसी महीने हुई हैं। जैसे समुद्र-मंथन और विषपान, भगवान शिव का विवाह, कामदेव द्वारा भस्मासुर का वध आदि कई सारी घटनाएं इसी महीने हुई हैं। इसलिए कांवड़ यात्रा भी सावन के महीने में ही होती है। इसी महीने में प्रथम बार रावण ने भगवन भोले नाथ की सुरक्षा और उन्हें विष से मुक्त करने के लिए पहली बार कांवड़ की मदद से जल भरकर शिव जी को अर्पित किया था। कांवड़ यात्रा का यह रहेगा रूट वहीं कांवड़ यात्रा पर निकलने के लिए रूट की बात करें तो कावरिया या भगवान शिव के भक्त उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, मेरठ, गाजियाबाद और बागपत जिलों से गुजरते हुए उत्तराखंड के हरिद्वार, गोमुख और गंगोत्री पहुंचते हैं। वहीं दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिमी यूपी और राजस्थान के कांवड़िये राष्ट्रीय राजमार्ग 58 से उत्तराखंड जाते हैं। Kanwar Yatra 2023  देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अभी Taza Khabar 4u के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।