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Darsh Amavasya 2023: दर्श अमावस्या के दिन करें ये छोटा-सा काम, रूठे पितरों का भी मिलने लगेगा आशीर्वाद; जानें धार्मिक महत्व

 
Darsh Amavasya 2023: दर्श अमावस्या के दिन करें ये छोटा-सा काम, रूठे पितरों का भी मिलने लगेगा आशीर्वाद; जानें धार्मिक महत्व
Darsh Amavasya 2023 : दर्श अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, चंद्रमा को मन का कारक बताया गया है। चंद्र देव की इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से सदा आप पर कृपा बनी रहती है। ऐसा भी कहा जाता है कि, इस दिन गंगा स्नान करने या उगते चांद को अर्घ्य देने से आपको पुण्य की प्राप्ति होगी। दर्श अमावस्या के दिन मान्यता है कि पूर्वज स्वर्ग से धरती पर आते हैं और अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देते हैं। इसलिए इस दिन को काफी खास माना जाता है। इस दिन पूर्वजों के लिए प्रार्थना की जाती है। Darsh Amavasya 2023: दर्श अमावस्या के दिन करें ये छोटा-सा काम, रूठे पितरों का भी मिलने लगेगा आशीर्वाद; जानें धार्मिक महत्व दर्श अमावस्या को और किस नाम से जाना जाता है? इसके अलावा दर्श अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप भी पित्र दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको इस दिन एक छोटा सा उपाए करना होगा। इससे पहले जानते हैं कब है दर्श अमावस्या... दर्श अमावस्या 2023 कब है?(Darsha Amavasya Kab Hai 2023) उदया तिथि के अनुसार, दर्श अमावस्या इस बार 17 जून को मनाई जाएगी। दर्श अमावस्या तिथि का आरंभ समय: 17 जून, दिन शनिवार को सुबह 4 बजकर 17 मिनट से शुरू होगा जबकि इसका समापन समय: 18 जून, रविवार को सुबह 8 बजकर 21 मिनट। दर्श अमावस्या 2023 कब है?(Darsha Amavasya Kab Hai 2023) दर्श अमावस्या के दिन करें ये काम
  • कहा जाता है कि पित्र दोष निवारण और उनको प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नानदि करके तर्पण करें। इससे पितर प्रसन्न होंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आएगी।
  • वहीं कुंडली में जिन जातकों का चंद्रमा कमजोर है, उन्हें दर्श अमावस्या का व्रत रखकर चंद्रदेव की प्रार्थना करनी चाहिए। इससे उनका भाग्योदय होता है।
  • इसके अलावा धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि अमावस्या के दिन प्रेत-आत्माएं सक्रिय होती हैं। इसलिए अमावस्या के दिन बुरे कामों से दूरी रखनी चाहिए और धार्मिक कार्यों में विशेष महत्व देना चाहिए।
  • पौराणिक काल से दर्श अमावस्या के दिन व्रत और पूजा की परंपरा चली आ रही है। ऐसे में इस दिन स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार, किसी ब्राह्मण या जरुरतमंद व्यक्ति को दान करना शुभ होता है।
  • यदि संभव हो तो इस दिन गंगा स्नान जरूर करें। इसका भी विशेष महत्व है। हालांकि गंगा स्नान का संयोग न बनने पर घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Taza Khabar 4u इसकी पुष्टि नहीं करता है।) ये भी पढ़ें : Vastu Tips for Home: वास्तु के अनुसार घर में कर लें ये 5 बदलाव, फिर पैसा गिनने के लिए भी रखने पड़ेंगे लोग! आज से फॉलो करें ये टिप्स