Polio Paul: ये शख्स 70 साल से इस मशीन में क्यों है कैद ? वजह जानकार कांप उठेंगी आपकी रूह
Sep 6, 2023, 15:11 IST
Polio Paul: आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे में यदि आप जान लेंगे तो उसको सलाम ठोके बिना आप रह नहीं पाएंगे। आपको बता दें यह शख्स पिछले 70 सालों से अपना जीवन मशीन में बंद होकर व्यतीत कर रहा है। यह सुनकर आप भी हैरान हुए न और मन में आया कैसे? तो आपको बता दें इस मशीन का नाम है आयरन लंग, जो 600 पाउंड की है। आइये आगे जानते हैं इस मशीन और इस आदमी के बारे में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में है नाम शामिल (Guinness World Record)
इसमें जो आदमी बंद है उसका नाम पॉल अलेक्जेंडर (Paul Alexander) है। जिसकी उम्र 77 साल है। इसको लोग पोलियो पॉल (Polio Paul) के नाम से भी जानते हैं। उनकी ये हालत महज 6 साल की उम्र में हो गयी थी जब साल 1952 में वे पोलियो के शिकार हो गए थे। वहीं इस साल मार्च महीने में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उन्हें आयरन लंग में सबसे लंबे समय तक रहने वाला मरीज घोषित किया है। कौन है पोलियो पॉल? पोलियो पॉल का जन्म साल 1946 में हुआ था। वह बचपन से ही बड़ी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनके इलाज के लिए पिछले साल लोगों द्वारा 132,000 डॉलर का डोनेशन जमा किया गया। 1952 में अमेरिका में इतिहास का सबसे बड़ा पोलियो आउटब्रेक हुआ था। बीमारी तेजी से फैल रही थी। पोलियो एक घातक बीमारी पोलियो की इस बीमारी के लगभग 58,000 मामले सामने आए थे। पीड़ितों में अधिकतर बच्चे शामिल थे। पॉल को भी पोलियो हो गया था। इससे उनका शरीर लक्वाग्रस्त हो गया। गर्दन के नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा था। बाद में सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। जानिए कब हुआ इस जादुई मशीन का आविष्कार? 1979 अमेरिका पोलियो से मुक्त देश बन गया था। लेकिन पॉल उस समय तक बीमारी की चपेट में आ गया था और अब उन्हें आगे की जंग लड़ने के लिए आयरन लंग मशीन में रखा गया ताकि वह जिंदा सके। आपको बता दें मशीन का आविष्कार 1928 में हुआ था। तकनीक के विकसित होने के चलते 60 के दशक के बाद ये बननी बंद हो गईं। फिलहाल पॉल इसमें रहने वाले दुनिया के इकलौते इंसान हैं। तकनीक विकसित हो गई लेकिन पॉल ने इसी मशीन में रहने की बात कही। वो इसे नहीं छोड़ना चाहते थे। मशीन में रहकर किए ये बड़े-बड़े काम 2020 में पॉल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि जब तक नई मशीनों का आविष्कार हुआ, उन्हें अपनी पुरानी मशीन में रहने की आदत हो चुकी थी। उन्होंने मशीन के बाहर से सांस लेना भी सीख लिया। इसे "frog breathing" तकनीक कहा जाता है। साथ ही पॉल ने धीरे धीरे थेरेपिस्ट के कहने पर थ्रोट कैविटी में एयर को ट्रैप करना और मसल्स को ट्रेन करना शुरू कर दिया। उन्होंने इतना कुछ सहने के बावजूद भी अपने सपनों को पूरा करने की लिए कोशिशें करना जारी रखा। पॉल ने पढ़ाई पूरी की और एक किताब भी लिख दी। वो अपने मुंह की मदद से ही पेंटिंग भी कर लेते हैं। लोगों के लिए बने मिसाल पॉल ने ऐसी हालत में भी हार नहीं मानी और अपना हाई स्कूल पास किया, कॉलेज से ग्रेजुएशन की, वकालत में डिग्री हासिल की, दशकों तक वकालत की और एक बायोग्राफी भी लिखी। साथ ही उन्होंने 2021 में दिए एक वीडियो इंटरव्यू में कहा था, 'मैंने कभी हार नहीं मानी और मैं आगे भी कभी हार नहीं मानूंगा।' अब चूंकी पॉल बूढ़े हो गए हैं, इसलिए उन्हें 24 घंटे केयर की जरूरत होती है। वो अमेरिका के डलास में रहते हैं।