Olympic Record Arshad Nadeem: 1992 में पाक ने जीता था ब्रॉन्ज, अब नदीम ने दिलाया गोल्ड
Olympic Record Arshad Nadeem: 27 साल के पाकिस्तानी जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचते हुए अपने देश को ओलंपिक में गोल्ड दिला दिया है। अरशद के इस प्रदर्शन से पाक 32 साल बाद ओलंपिक मेडल जीतने में कामयाब रहा। पाकिस्तान ने आखिरी बार 1992 में बार्सिलोना ओलंपिक में पुरुष हॉकी का ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 1992 से रुका पाकिस्तान के पदक जीतने का सिलसिला नदीम ने 92 मीटर से ज्यादा दूरी तक भाला फेंककर दोबारा शुरू किया।
अरशद नदीम के भाले ने जो दूरी तय की है, उसने एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड तो रचा ही है, साथ ही पाकिस्तान को एक बार फिर मेडल की कतार में ला खड़ा किया है. ओलंपिक में पाकिस्तान के पदक इतिहास को देखें तो पड़ोसी मुल्क ने आखिरी बार 1992 में पदक जीता था. तब बार्सिलोना ओलंपिक 1992 में पाकिस्तानी हॉकी की पुरुष टीम ने कांस्य पदक जीता था. उसके बाद से पाकिस्तान ने कोई पदक नहीं जीता था.
पेरिस ओलिंपिक 2024 में पाकिस्तान अभी तक कोई मेडल नहीं जीत सका था. उसने सात एथलीट इन खेलों के लिए भेजे थे. इनमें से अरशद नदीम ही केवल पाकिस्तान की उम्मीद पर खरे उतर सके हैं. पाकिस्तान ने ओलिंपिक खेलों में कुल 10 मेडल जीते हैं जिनमें से तीन गोल्ड शामिल हैं.
हॉकी भारत के लिए राष्ट्रीय खेल रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने भी इसमें कम कीर्तिमान नहीं रचा है. पड़ोसी मुल्क ने इसमें तीन गोल्ड समेत आठ मेडल जीते हैं. हॉकी में पाकिस्तान के नाम तीन सिल्वर और दो कांस्य पदक भी हैं. उसके बाकी दो पदकों में दो कांस्य हैं जो बॉक्सिंग व रेसलिंग में मिला है. पाकिस्तान ने अपना पहला ओलिंपिक मेडल 1956 में मेलबर्न में जीता था तब उसे हॉकी में सिल्वर मिला था.
इसके बाद पाकिस्तानी हॉकी टीम ने 1960 में गोल्ड, 1964 में सिल्वर, 1968 में गोल्ड, 1972 में सिल्वर, 1976 में ब्रॉन्ज, 1984 में गोल्ड और 1992 में ब्रॉन्ज जीता था. इस दौरान 1956 से 1976 तक उसका ओलिंपिक में दबदबा रहा. लगातार छह ओलिंपिक में से पांच में उसने फाइनल में जगह बनाई. 1980 में उसने हिस्सा नहीं लिया और इसके बाद 1984 में फिर से गोल्ड जीता.
पाकिस्तान हॉकी में पिछले तीन ओलिंपिक के लिए नहीं कर पाया क्वालीफाई
पाकिस्तानी हॉकी टीम 1992 के बाद से ओलिंपिक मेडल नहीं जीत पाई. हालांकि 2000 में उसका पास मौका था लेकिन वह कांस्य पदक मैच हार गई. इसके बाद से उसके खेल में गिरावट दिखी. 2004 में वह पांचवें, 2008 में आठवें और 2012 में सातवें नंबर पर रही. इसके बाद से पाकिस्तानी हॉकी टीम ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी.
पाकिस्तान ने अपने ओलिंपिक इतिहास में केवल दो व्यक्तिगत मेडल जीते हैं. सबसे पहले 1960 में मोहम्मद बशीर ने पुरुष कुश्ती की वेल्टरवेट स्पर्धा में 73 किलो कैटेगरी में कांस्य जीता था. वे इकलौते पाकिस्तानी रेसलर हैं जिनके पास ओलिंपिक मेडल है. उनके बाद 1988 में हुसैन शाह ने भी पाकिस्तान के लिए कांस्य जीता. उन्हें यह मेडल पुरुष बॉक्सिंग की मिडिलवेट स्पर्धा में मिला था.
खेल/खिलाड़ी पदक खेल ओलंपिक वर्ष
पाकिस्तान हॉकी टीम सिल्वर पुरुष हॉकी मेलबर्न 1956
पाकिस्तान हॉकी टीम गोल्ड पुरुष हॉकी रोम 1960
मोहम्मद बशीर कांस्य पुरुष 73 किग्रा कुश्ती रोम 1960
पाकिस्तान हॉकी टीम सिल्वर पुरुष हॉकी टोक्यो 1964
पाकिस्तान हॉकी टीम गोल्ड पुरुष हॉकी मेक्सिको सिटी 1968
पाकिस्तान हॉकी टीम सिल्वर पुरुष हॉकी म्यूनिख 1972
पाकिस्तान हॉकी टीम कांस्य पुरुष हॉकी मॉन्ट्रियल 1976
पाकिस्तान हॉकी टीम गोल्ड पुरुष हॉकी लॉस एंजिल्स 1984
हुसैन शाह कांस्य पुरुष मिडिलवेट मुक्केबाजी सियोल 1988
पाकिस्तान हॉकी टीम कांस्य पुरुष हॉकी पुरुष हॉकी
जेवलिन थ्रो के रिकॉर्ड, एक नजर में
जेवलिन थ्रो का वर्ल्ड रिकॉर्ड चेक गणराज्य के खिलाड़ी के नाम दर्ज है. तीन बार के वर्ल्ड चैम्पियन और ओलंपिक चैम्पियन, चेक गणराज्य के दिग्गज एथलीट जान जेलेजनी (Jan ZELEZNY ) ने जर्मनी में एक एथलेटिक्स प्रतियोगिता के दौरान 1996 में 98.48 मीटर का थ्रो करके पुरुषों के भाला फेंक का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया था. जो आज तक कायम है.
वहीं, जेवलिन थ्रो में ओलंपिक रिकॉर्ड की बात की जाए तो यह रिकॉर्ड एंड्रियास थोरकिल्डसेन (Andreas THORKILDSEN) के नाम है. एंड्रियास ने यह रिकॉर्ड 23 अगस्त 2008 को बीजिंग ओलंपिक में 90.57 मीटर दूर भाला फेंककर भाला बनाया था.
भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में 7 अगस्त का दिन हमेशा याद रखा जाएगा, इस दिन 2021 में स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने गोल्ड पर अपना कब्जा जमाया. टोक्यो 2020 ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए 87.58 मीटर का थ्रो किया था, जो उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से 2.36 मीटर कम है.