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Badlapur Sexual Assault Case: मां, 'स्कूल में काम करने वाले दादा ने मेरे कपड़े उतारे और...', पीड़ित बच्चियों के बयान ने दिल दहला दिया

महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर में दो बच्चियों से स्कूल में यौन शोषण केस में दर्ज एफआईआर की डिटेल सामने आ गई है
 

Badlapur Sexual Assault Case:  महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर में दो बच्चियों से स्कूल में यौन शोषण केस में दर्ज एफआईआर की डिटेल सामने आ गई है. पीड़ित बच्चियों के परिजनों के द्वारा की गई शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक, ये घटना 13 अगस्त सुबह से 9 से दोपहर 12 के बीच की है. इस वारदात के बाद 16 अगस्त को बच्चियों ने स्कूल जाने से इनकार कर दिया. उनके परिजनों के अनुसार वो काफी डरी हुई थी. 

उनसे जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने जो आपबीती सुनाई उसे सुनकर परिजनों के होश उड़ गए. पीड़ित बच्चियों के परिवार ने 16 अगस्त को ही इस मामले की सूचना पुलिस को दे दी थी. लेकिन पुलिस ने 12 घंटे बाद करीब 9 बजे केस दर्ज किया था. इस मामले में पहले एक अभिभावक ने शिकायत दर्ज कराई थी. उसके बाद दूसरे अभिभावकों ने जब अपनी बच्चियों का मेडिकल टेस्ट कराया तो दंग रह गए. 

कई पीड़िता बच्चियों का कौमार्य भंग हो चुका था. एक पीड़ित बच्ची ने अपने परिवार को बताया की स्कूल के एक दादा (मराठी में भाई को दादा कहा जाता है) ने उसके कपड़े उतारे और उसके प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाया. आरोपी ने बच्ची के साथ बलात्कार भी किया था. इस मामले में केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया. 

हालांकि, इस मामले में स्कूल प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को लेकर लोगों ने हिंस विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो कि मंगलवार को उग्र हो गया. इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए इलाके की महिला इंस्पेक्टर शुभदा शितोले का ट्रांसफर कर दिया. इतना ही नहीं स्कूल प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला कर्मचारी को निलंबित किया गया. इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर लिखा, "बदलापुर पुलिस स्टेशन से जुड़े वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, सहायक उपनिरीक्षक और हेड कांस्टेबल को कर्तव्य में लापरवाही के लिए तत्काल निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं." उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जांच के लिए महानिरीक्षक रैंक की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी आरती सिंह को नियुक्त किया है. 

इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने ठाणे पुलिस आयुक्त को मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि पीड़ित लड़कियों के माता-पिता को शिकायत दर्ज कराने से पहले बदलापुर पुलिस स्टेशन में 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. 
 
स्कूल में यौन शोषण पर लोगों के आक्रोश के बीच, महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि स्कूलों में 'विशाखा समितियां' बनाई जाएंगी. यदि स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे काम नहीं करते पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐतिहासिक 'विशाखा' फैसले में सुप्रीम कोर्ट के के अनुसार कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए आंतरिक समितियों का गठन अनिवार्य है.

उन्होंने कहा, "स्कूल स्तर पर विशाखा समितियां बनाई जाएंगी. ये समितियां छात्राओं, खासकर 9वीं, 10वीं और जूनियर कॉलेज की छात्राओं को अपनी शिकायतें उठाने के लिए एक मंच प्रदान करेंगी. पहले से ही एक सरकारी प्रस्ताव है जिसमें अनिवार्य किया गया है कि स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए, लेकिन बदलापुर के जिस स्कूल में बच्चियों के साथ यौन शोषण हुआ, वहां सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे