Anuradha Chaudhari Marriage: शातिर दिमाग, लंबी कद-काठी, खूबसूरत चेहरा....हथियारों का शौक! गैंगस्टर की दुल्हन बनेगी रिवॉल्वर रानी, जानें दिलचस्प प्रेम कहानी
Mar 5, 2024, 20:55 IST
Anuradha Chaudhari Marriage: शातिर दिमाग, लंबी कद-काठी, खूबसूरत चेहरा, जींस पैंट के साथ टी-शर्ट या शर्ट पहनावा, फर्राटेदार अंग्रेजी, एके-47 जैसे खतरनाक हथियारों का शौक, किडनैपिंग एक्सपर्ट और जरायम की दुनिया में नाम कमाने की ख्वाहिश... जी हां, ये परिचय एक लेडी डॉन का है, जो अपने गैंगस्टर प्रेमियों की वजह से ज्यादा सुर्खियों में रही है. अब वो 37 साल की उम्र में शादी रचाने की तैयारी कर रही है. यदि सबकुछ ठीक रहा तो इसी महीने की 12 तारीख को वो इस वक्त के सबसे कुख्यात गैंगस्टर के साथ सात फेरे ले लेगी. अपने होने वाली पति के साथ नए घर में गृह प्रवेश करेगी. जी हां, हम लेडी डॉन अनुराधा चौधरी की बात कर रहे हैं, जो कि बहुत जल्द गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी से शादी करने जा रही है. इस शादी के लिए अदालत से मंजूरी भी मिल चुकी है. इसके लिए दिल्ली की एक कोर्ट ने काला जठेड़ी को 6 घंटे की कस्टडी पैरोल दी है. 12 मार्च को दिल्ली में शादी के बाद ये क्रिमिनल कपल 13 मार्च को सोनीपत में गृह प्रवेश करेगा. इस दौरान चार राज्यों की पुलिस इन पर नजर बनाए रखेगी. इस शादी को लेकर जरायम की दुनिया से लेकर पुलिस महकमे तक कौतूहल है. सोनीपत में दुल्हन की स्वागत की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. अपराध जगत में आने से पहले अनुराधा चौधरी एक अच्छी पढ़ने-लिखने वाली लड़की थी. बचपन से ही होशियार और आगे बढ़ने की ललक लिए अनुराधा अपने जीवन में कुछ कर गुजरना चाहती थी. उसने राजस्थान की एक यूनिवर्सिटी से बीटेक किया है. इसी पढ़ाई के दौरान उसे एक लड़के से प्यार हो गया. उस लड़के का नाम दीपक मिंज था. परिवार वालों के विरोध के बावजूद उसने दीपक से शादी कर ली. इसके बाद शेयर बाजार में निवेश करने का काम शुरू किया. लेकिन इसमें उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा. काफी पैसा डूब गए. इतना ही उनके ऊपर काफी कर्ज भी चढ़ गया. पैसे कमाने की लालच और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने की चाहत ने उसे जरायम की दुनिया में खींच लिया. धीरे-धीरे उसकी कार्यशैली ने उसे कुख्यात करना शुरू कर दिया. वो राजस्थान के कई बड़े गैंगस्टरों के संपर्क में आ गई. इसी बीच उसकी मुलाकात उस वक्त के सबसे बड़े गैंगस्टर आनंदपाल सिंह से हुई। आनंद अनुराधा से बहुत प्रभावित हुआ. उसकी वजह से उसके अंदर तेजी से परिवर्तन आने लगा. साधारण जिंस-शर्ट पहनने वाला गैंगस्टर कोट-पैंट पहनने लगा. यहां तक कि अंग्रेजी बोलने की कोशिश करने लगा. ये सबकुछ अनुराधा की संगति का प्रभाव था, जो उसे बदल रहा था. आनंदपाल और अनुराधा के बीच नजदीकियां बहुत बढ़ गई. दोनों लिव इन में एक-दूसरे के साथ रहने लगे. एक-दूसरे की मदद करने लगे. आनंद उसे एके-47 जैसे खतरनाक हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग देने लगा. धीरे-धीरे वो उसके गैंग का अहम हिस्सा बन गई. इसकी वजह से उसके पहले पति दीपक मिंज के साथ उसका संबंध खत्म हो गया. पढ़ाई-लिखाई में अच्छी होने की वजह से कोर्ट-कचहरी से लेकर अपराध की साजिश तक का जिम्मा अनुराधा पर आ गया. उसे किडनैपिंग एक्सपर्ट कहा जाता था. आगे चलकर लोग उसे लेडी डॉन और रिवॉल्वर रानी के नाम से जानने लगे. लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का जन्म राजस्थान के सीकर जिले में हुआ था. पिता सरकारी नौकरी करते थे, लेकिन मां की मौत हो जाने की वजह से उन्होंने ही उसे पाल-पोसकर बड़ा किया. उसने अजमेर के सोफिया स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद पहले बीटेक फिर एमबीए किया था. बताया जाता है कि दिमाग से तेज तर्रार और कई भाषाओं की जानकार है. यही वजह है कि गैंग को पुलिस और कोर्ट से बचाने में उसकी भूमिका हमेशा अहम होती थी. एक वक्त ऐसा भी आया कि आनंदपाल ने अपना पूरा गैंग अनुराधा के हवाले कर दिया. उसके इशारे पर काम करने लगा था. 27 जून, 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद के अपहरण मामले में अनुराधा चौधरी का नाम आया. उसके बाद पुलिस ने उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी. साल 2016 में उसको जयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया. उसे पकड़े जाने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. दरअसल एक बार सीकर के एक व्यापारी ने अनुराधा को रंगदारी देने से इनकार कर दिया, तो उसने उसको किडनैप कर लिया. उसे लेकर अपने ठिकाने पर आ रही थी. उसी वक्त मुखबीरों ने पुलिस को सूचना दे दी. इसके बाद वो जयपुर में पकड़ी गई. अनुराधा चौधरी जब इस केस में दो साल की सजा काट रही थी, उसी दौरान साल 2017 में आनंदपाल सिंह को पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया. अपने प्रेमी की हत्या के बाद जब वो जेल से बाहर आई तो उसने आनंदपाल के गैंग की कमान संभाल ली. गैंग को बढ़ाने के लिए उसने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से दोस्ती कर ली. दोनों साथ मिलकर काम करने लगे. इसी दौरान उसीक मुलाकात संदीप उर्फ काला जठेड़ी से हुई. जठेड़ी बिश्नोई गैंग के लिए ही काम करता था. हथियारों की सप्लाई किया करता था. धीरे-धीरे दोनों बेहद करीब आ गए और साथ में रहने लगे.