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गजब हो गया! नहीं देखा होगा टीचर और बच्चों का ऐसा प्यार, 133 बच्चों ने छोड़ दिया स्कूल; वजह जान आप भी कहेंगे- OMG

टीचर-स्टूडेंट का आपस का रिश्ता बहुत ही पवित्र होता है. जिसमें त्याग, समर्पण, प्रेम और अनुशासन की ऐसी मिलावट होती कि रिश्तों की खुशबू पूरी जिंदगी महकती रहती है.
 

Teacher-Student Love: टीचर-स्टूडेंट का आपस का रिश्ता बहुत ही पवित्र होता है. जिसमें त्याग, समर्पण, प्रेम और अनुशासन की ऐसी मिलावट होती कि रिश्तों की खुशबू पूरी जिंदगी महकती रहती है.

टीचर-स्टूडेंट के रिश्तों के बीच किस तरह प्रेम हो सकता है, उसकी एक बानगी हैदराबाद से आई है. तेलंगाना में एक सरकारी टीचर के लिए बच्चों ने जो किया है, उसे जो भी सुन रहा है, हैरान है. 

टीचर दिवस के पहले ही बड़ा गिफ्ट 

हैदराबाद में एक सरकारी टीचर के जे श्रीनिवास (53) का तबादला हुआ था. टीचर दिवस के पहले ही बच्चों ने अपने टीचर को बहुत बड़ा गिफ्ट दिया है.

आइए जानते हैं क्या है मामला

हैदराबाद के 53 साल के टीचर श्रीनिवास पोनाकल गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाते थे. 1 जुलाई को श्रीनिवास का तबादला हो गया.

बच्चों ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन सरकारी फरमान तो मानना ही था, जब टीचर स्कूल छोड़ने लगे तो बच्चों ने स्कूल का गेट तक बंद कर दिया, रोने लगे, बहुत कोशिश के बाद भी टीचर को स्कूल से जाना ही पड़ा.

इसके बाद किसी ने कल्पना ही नहीं कि होगी कि बच्चों के दिमाग में क्या चल रहा है.

टीचर ने छोड़ा स्कूल तो बच्चों ने लिया अनोखा फैसला

छात्रों ने घर जाकर अपने माता-पिता को श्रीनिवास के तबादले के बारे में बताया और एक प्लान बनाया कि अब हम सब इस स्कूल में नहीं पढ़ेंगे, और जिस स्कूल में टीचर का तबादला हुआ उसमें पढ़ेंगे, फिर क्या था दो दिनों में क्लास एक से फाइव तक 250 से अधिक बच्चों में 133 बच्चों ने नए स्कूल में अपना एडमिशन करा लिया. जो उनके पुराने स्कूल से तीन किलोमीटर दूर था. 

टीचर का क्या है कहना

इस घटना के बाद टीचर श्रीनिवास ने बताया कि यह दिखाता है कि माता-पिता मुझ पर कितना भरोसा करते हैं. मैंने सिर्फ़ अपनी क्षमता के अनुसार उनके बच्चों को पढ़ाने का अपना कर्तव्य निभाया. उन्हें मेरा पढ़ाना पसंद आया. चूंकि अब सरकारी स्कूलों में बेहतर सुविधाएँ हैं, इसलिए मैं माता-पिता से उनका लाभ उठाने का आग्रह करूँगा.

स्‍थानीय लोगों के सबसे बेस्ट टीचर 

टीचर श्रीनिवास की हर कोई तारीफ कर रहा है. स्थानीय लोगों ने पिछले 12 वर्षों में श्रीनिवास के योगदान को याद किया, खासकर उनके प्रयासों और प्रेरणा के ज़रिए स्कूल की संख्या 32 से बढ़ाकर 250 हुई थी.

जिला शिक्षा अधिकारी का बयान

जिला शिक्षा अधिकारी एस. यदय्या ने कहा कि यह एक अनोखी घटना है. छात्र अपने शिक्षकों से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं और उनके जाने पर दुखी होते हैं. लेकिन अपने शिक्षक के साथ जाने के लिए स्कूल बदल लेना, यह पहले कभी नहीं सुना गया. श्रीनिवास के तबादले की खबर सुनकर उनके कई छात्र रोने लगे थे. टीचर श्रीनिवास ने खुद को असहाय बताते हुए कहा कि आदेश तो आदेश होता है. लेकिन किसी ने यह उम्मीद नहीं की थी कि छात्र इतना बड़ा कदम उठा लेंगे.