Hariyali Teej 2023 : हरियाली तीज का व्रत कल, जानिए शुभ मुहर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व
Aug 18, 2023, 09:56 IST
Hariyali Teej 2023 : हरियाली तीज उन प्रमुख त्योहारों में से एक है जिन्हें हिंदू महिलाएं मनाती हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार श्रावण माह (सावन माह) के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की उम्र और सलामती की खातिर करती हैं हरियाली तीज तिथि 2023 हरियाली तीज 2023 नाग पंचमी से दो दिन पहले 19 अगस्त 2023 को पड़ेगी, जो 21 अगस्त को है। भाद्रपद की शुक्ल पक्ष तृतीया, 18 सितंबर को हरतालिका तीज मनाई जाएगी। 2023 में तीज महोत्सव की तारीखे हरियाली तीज शनिवार- 19 अगस्त 2023 को कजरी तीज शनिवार- 2 सितंबर 2023 को हरतालिका तीज सोमवार- 18 सितंबर 2023 को पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार हरियाली तीज की पूजा के लिए 3 शुभ मुहूर्त के योग बन रहे हैं। इस दिन आप सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजकर 08 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इसके बाद आप दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से शाम 05 बजकर 19 मिनट तक पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त है। हरियाली तीज त्यौहार मानसून के मौसम के दौरान मनाया जाता है, जब मैदान हरियाली से भरपूर होते हैं, इसलिए इसे (हरी तीज) नाम दिया गया है। इसे अन्य कई नामों से भी जाना जाता है। हरियाली तीज का महत्व करवा चौथ के समान ही है, जिसे विवाहित हिंदू महिलाएं मनाती हैं। हरियाली तीज देवी पार्वती और भगवान शिव के साथ उनके मिलन का सम्मान करने वाला एक उत्सव है। इस शुभ दिन पर भगवान शिव ने देवी पार्वती का अपनी पत्नी के रूप में स्वागत किया। परिणामस्वरूप, देवी पार्वती को ‘तीज माता’ के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार पूरे उत्तर भारतीय राज्यों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। तीयां इसके लिए पंजाबी शब्द है, और शिंगारा तीज इसके लिए राजस्थानी शब्द है। हरियाली तीज उत्सव अलग-अलग जगहों पर थोड़ा भिन्न हो सकता है, लेकिन जुनून और उत्साह एक जैसा ही होता है। हरियाली तीज 2023 तिथि का समय सूर्योदय – 19 अगस्त 2023 प्रातः 06:08 बजे। सूर्यास्त – 19 जुलाई 2023 06:52 अपराह्न। हरियाली तीज के दिन विवाहित महिलाओं को उनके ससुराल वालों द्वारा पारंपरिक पोशाकें, चूड़ियाँ, मेंहदी, सिन्दूर और मिठाइयाँ जैसी श्रृंगार सामग्री दी जाती है। हरे रंग का लहंगा या साड़ी खासतौर पर महिलाएं पहनती हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार, एक महिला सभी 16 श्रृंगार करके अपने पति को सभी खतरों से बचा सकती है। सिंधारा देने की यह परंपरा नवविवाहितों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। फिर महिलाएं समारोह के हिस्से के रूप में इस त्योहार को मनाने के लिए अपने माता-पिता के निवास पर जाती हैं। इस दिन हाथों और पैरों पर मेंहदी लगाने की रस्म का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं ‘निर्जला व्रत’ के नाम से जाना जाने वाला कठिन व्रत भी रखती हैं, जिसके दौरान उन्हें पूरे दिन पानी भी पीने की अनुमति नहीं होती है। हरियाली तीज व्रत में विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाएं भाग ले सकती हैं। चंद्रमा की पूजा करने के बाद व्रत खोला जाता है।इस दिन महिलाएं अपने पति की समृद्धि और खुशहाली के लिए तीज माता (देवी पार्वती) की पूजा करती हैं। भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों की पूजा की जाती है, और उन्हें समर्पित भजन गाए जाते हैं। हरियाली तीज की पूजा विधि सबसे पहले हरियाली तीज के दिन साफ-सफाई करके घर को तोरण और मंडप से सजाएं। एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, श्री गणेश, मां पार्वती की प्रतिमा रखें। मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। मां पार्वती के बाद भगवान शंकर को वस्त्र अर्पण करें। इसके बाद देवताओं का ध्यान करते हुए पूजन करें। गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनें। भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अभी Taza Khabar 4u के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।